रामिरा तनेजा की शॉर्ट फिल्म ‘वाइल्ड फ्लॉवर्स’ का 15वें दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल 2025 में चयन, रच डाली नई मिसाल
फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी हस्ती और ‘लव यू शंकर’ (2024) की सह-निर्माता रामिरा तनेजा ने निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखते ही एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उनकी डेब्यू शॉर्ट फिल्म ‘वाइल्ड फ्लॉवर्स’ को 15वें दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल 2025 (नई दिल्ली) में आधिकारिक रूप से चयनित किया गया है।
महज 6 मिनट 30 सेकंड की यह भावनात्मक फिल्म, सिर्फ अपनी कहानी ही नहीं बल्कि अपने अनोखे और नवाचारी प्रचार अभियान के लिए भी सुर्खियों में है।
रामिरा तनेजा ने इस फिल्म का प्रचार एक बिल्कुल नए अंदाज़ में किया। उन्होंने 30 सेकंड का अब तक का सबसे छोटा ट्रेलर लॉन्च किया, साथ ही आकर्षक पोस्टर, यूट्यूब प्रीमियर और इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स के टेस्टिमोनियल बाइट्स के ज़रिए फिल्म को प्रमोट किया। ये तकनीक आमतौर पर फीचर फिल्मों के लिए अपनाई जाती है, लेकिन रामिरा ने इसे एक शॉर्ट फिल्म पर लागू कर नया बेंचमार्क स्थापित किया।
रामिरा बताती हैं, “मुझे ‘वाइल्ड फ्लॉवर्स’ को मिला प्यार देखकर बेहद गर्व और संतोष हो रहा है। मैं उन सभी सहयोगियों की आभारी हूं जिन्होंने खुले दिल से इस प्रोजेक्ट का समर्थन किया।”
फिल्म इंडस्ट्री में पिछले 15 वर्षों से सक्रिय रामिरा तनेजा ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में जिस आत्मविश्वास और सच्चाई के साथ कदम रखा, वह काबिल-ए-तारीफ है। उन्होंने बताया कि कई साथियों ने उन्हें शॉर्ट फिल्म से दूर रहने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने अपने विश्वास पर डटे रहकर इस माध्यम को चुना और मूल्य आधारित सिनेमा को प्राथमिकता दी।
“अगर आप किसी चीज़ में सच्चा विश्वास रखते हैं, तो पहला कदम ज़रूर उठाइए। ‘वाइल्ड फ्लॉवर्स’ को हमने बेहद सीमित संसाधनों में—नॉन-एक्टर्स, नेचुरल लोकेशंस और छोटे क्रू के साथ—सिर्फ 24 घंटे में शूट और एडिट किया,” रामिरा ने बताया।
उनका फिल्मी सफर तब शुरू हुआ था जब यश चोपड़ा ने दिल्ली में उनके एक डांस-ड्रामा परफॉर्मेंस को देखा था। यशराज स्टूडियोज़ में मिली उस पहली झलक ने उनके भीतर फिल्मों के प्रति जुनून को जन्म दिया।
फेस्टिवल के अनुभव साझा करते हुए रामिरा कहती हैं कि यह एक बेहद स्वागतपूर्ण माहौल होता है, जहां मेहनत और नीयत की कद्र होती है। “दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल में ‘वाइल्ड फ्लॉवर्स’ का चयन इस बात का प्रमाण है कि हमने सही दिशा चुनी है।”
हाल ही में ओम पुरी फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक अन्य फिल्म फेस्टिवल में रामिरा को ज्यूरी के रूप में आमंत्रित किया गया, जहाँ उनके साथ नंदिता पुरी, असीम बजाज, ब्रह्मानंद सिंह, संजय खंडूरी और बॉबी वत्स जैसे नामचीन लोग भी शामिल थे। रामिरा के अनुसार, “मेरे प्रमोशन स्टाइल से वे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मुझे अपने साथ जुड़ने का न्योता दिया—जो मेरे लिए सम्मान की बात है।”
रामिरा तनेजा के पास इस समय कुछ तैयार स्क्रिप्ट्स और आगामी प्रोजेक्ट्स हैं। वह नए सहयोगियों, पार्टनर्स और फंडर्स की तलाश में हैं ताकि वे अपनी रचनात्मक दृष्टि को और भी ऊँचाई दे सकें।